शुक्रवार, 30 अगस्त 2013

फूल बेचती लड़की

 


फूल बेचती लड़की
पता नहीं कब फूल की तरह
खिल गयी
फूल खरीदने वाले
अब उसे दोहरी नजर से देखते हैं
और पूछते हैं
बहुत देर तक
हर फूल की विशेषता
महसूसते हैं
उसके भीतर तक
सभी फूलों की खूबसूरती
सभी फूलों की महक
सभी फूलों की कोमलता
सिर से पाँव तक
उसके एक. एक अंग की
एक .एक फूल से करते हैं मिलान
अब तो कुछ लोग
उससे कभी.कभी
पूरे फूल की कीमत पूछ लेते हैं
देह की भाषा में
जबकि उसके उदास चेहरे में
किसी फूल के मुरझाने की कल्पना कर
निकालते हैं कई.कई अर्थ
और उसे फूलों की रानी
बनाने की करते हैं घोषणाएं
काश! वो श्रम को श्रम ही रहने देते।

संपर्क- आरसी चौहान (प्रवक्ता-भूगोल)
राजकीय इण्टर कालेज गौमुख, टिहरी गढ़वाल
उत्तराखण्ड249121
मेाबा0-09452228335
ईमेल-chauhanarsi123@gmail.com